पाठ्यक्रम के अन्तर्गत सैद्धांतिक विषयों (Theory) के साथ-साथ प्रायोगिक (Practical) की भी अनिवार्यतः रखी गई जिसमें 50 प्रतिशत अंको का वेजेट प्रायोगिक कार्य को दिया गया है। प्रथम शैक्षणिक वर्ष 2015-16 में सैद्धांतिक विषयों (Theory) के अन्तर्गत 06 विषयों यथा समाजिक कार्य का परिचय, विकास की समस्याऐं एवं मुद्दे, नेतृत्व विकास, विकास के लिऐ संचार और जीवन कौशल शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल तथा बाल विकास सुरक्षा एवं शिक्षा का चयन किया गया है।
क्षेत्रीय कार्य (Field Work) - समग्र स्वच्छता एवं साफ-सफाई पर आधारित।
प्रायोगिक कार्य हेतु प्रत्येक छात्र द्वारा एक गांव यथा संभव अपने गांव को अपनी प्रयोगशाला के रूप में चिन्हित किया गया है जिसमें वे सम्पूर्ण शैक्षणिक वर्ष के दौरान मेंटर्स के निर्देशन में प्रायोगिक कार्य कर रहे है। प्रायोगिक कार्य के अंतर्गत सम्पूर्ण शैक्षणिक वर्ष के दौरान छात्रों द्वारा समग्र स्वच्छता एवं साफ-सफाई विषय पर एक क्षेत्रीय कार्य (Field Work) किया जाना है। इस हेतु छात्रों द्वारा अपनी प्रयोगशाला ग्राम में बेस लाईन सर्वे कर शौचालयों एवं गंदगी की स्थिति की जानकारी एकत्रित की गई है। उक्त जानकारी के आधार पर छात्र अपनी-अपनी प्रयोगशाला ग्राम में शौचालय विहीन परिवारों से सम्पर्क कर उनसे शौचालय निर्माण हेतु ग्रामो में आवेदन फार्म भरवाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को स्वीकृति हेतु प्रेषित करेगें साथ ही छात्र अपने अपने ग्रामों में ऐसे शौचालय युक्त परिवार जो शौचालय का उपयोग नही कर रहें हो, को शौचालयों के उपयोग हेतु अभियान के माध्यम से प्रेरित एवं जागरूक करेगें। शैक्षणिक वर्ष के समापन पर छात्रों द्वारा अपनी-अपनी प्रयोगशाला ग्रामों का पुनः एंड लाईन सर्वे कर शौचालयों के निर्माण एवं उपयोग की स्थिति का आंकलन किया जायेगा जिसके आधार पर उनके द्वारा वर्ष भर किये गये प्रयासों के परिणामों की जानकारी प्राप्त् हो सकेगीं। वर्तमान मे प्रदेश के 20 जिलों मे चिहिंत 89 अनुसूचित जनजाति विकासखण्डों मे समग्र स्वच्छता एवं साफ-सफाई अभियान विषय पर छात्रों द्वारा फील्ड वर्क किया जा रहा है। अनुसूचित जनजाति विकासखण्डों मे कुल 2,993 छात्रों का चयन कर उन्हे प्रयोगशाला के रूप में 2,727 ग्रामों का आवंटन किया गया है। 2,727 ग्रामों के 857915 परिवारों मे व्यक्तिगत, सार्वजनिक एवं सामुदायिक भवनों/स्कूलों में शौचालयों की उपलब्धता एवं उपयोग की स्थिति का आंकलन हेतु सर्वे कार्य कराया गया। जिसकी रिपोर्ट देखने हेतु क्लिक करें।
प्रदत्त कार्य (Assignments)
प्रायोगिक कार्य के अन्तर्गत एक क्षेत्रीय कार्य (Field Work) जो समग्र स्वच्छता एवं साफ-सफाई विषय के विभिन्न आयामों पर केन्द्रित है तथा निम्न तालिका अनुसार दस प्रदत्त कार्य (Assignments) है एवं शासन की मंशानुसार प्रदाय किये जाने वाले विभिन्न कार्यो को भी छात्रों द्वारा प्रदत्त कार्य के रूप मे समपन्न किया जाता है जैसे ऑगनवाड़ी का सर्वे कर छात्र द्वारा पोषण एवं स्वास्थ्य की दिशा, ऑंगनवाड़ी केन्द्र पर की जाने वाली गतिविधि। प्रायोगिक कार्य हेतु प्रत्येक छात्र द्वारा एक गांव यथा संभव अपने गांव को अपनी प्रयोगशाला के रूप में कार्य किया जा रहा है। जिसमें वे वर्ष भर प्रदत्त कार्य एवं क्षेत्रीय कार्य करेगें। इस प्रकार 313 विकासखण्डों में छात्रों द्वारा प्रयोगशाला के रूप में कुल 11953 ग्रामों का चयन किया गया है।
छात्रों के असाईनमेन्ट्स हेतु बिना लाईन वाले तीन-तीन पेपर कुल 30 पेज एवं शासकीय योजनाओं के संबंध में प्रकाशित पुस्तक ''आगे आये लाभ उठाये'' उपलब्ध कराई गई है। विकासखण्ड में किसी शासकीय, अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्था द्वारा उल्लेखनीय कार्य का अध्ययन भ्रमण एवं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज सेवियों, शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों, शिक्षकों, पर्यावरणविदों के साथ परिचर्चा/प्रस्तुतीकरण आयोजित किये जाते है। छात्रों को माह के प्रथम रविवार को चालू माह के असाईनमेन्ट्स के बारे में मेन्टर्स/संबंधित विभागीय अधिकारी एवं समन्वयक जानकारी उपलब्ध कराते है तथा उसी माह के अंतिम सप्ताह को असाईन्मेन्टस का लिखित व मौखिक प्रस्तुतीकरण छात्रों द्वारा कराया जाता है। जिसके आधार पर मेन्टर्स एवं विकासखण्ड समन्वयक मूल्यांकन कर रिकार्ड का संधारण करते है। अंतिम मूल्याकंन बाहय परिक्षक द्वारा किया जावेगा।
प्रत्येक माह के प्रदत्त कार्य (Assignments) निम्नानुसार है :-
क्रमाँक | माह | प्रदत्त कार्यों की संख्या | विषय |
1 | नवम्बर | 2 | पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण का महत्व एवं जागरूकता। |
2 | साक्षरता अभियान के तहत निरक्षर की पहचान करना, उन्हें साक्षरता अभियान से जोड़ना। | ||
3 | दिसम्बर | 2 | ग्रामीणों को उनके अधिकार से परिचित कराते हुये उन्हें जागरूक करना। |
4 | सामाजिक समरसता हेतु कार्य करना। | ||
5 | जनवरी | 2 | शासन के समस्त विभागों की शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार। |
6 | ग्रामीणों मे आहार पोषण के प्रति जागरूकता एवं कुपोषण दूर करने हेतु कार्य करना। | ||
7 | फरवरी | 2 | ग्रामीणों मे बीमारी न हो इस हेतु बीमारियों की रोकथाम के उपायों पर जागरूकता लाने हेतु कार्य। |
8 | ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर स्वच्छता के विभिन्न घटकों के बारे मे समझाइश देना। | ||
9 | मार्च | 1 | राष्ट्रीय महापुरूषो के जीवन एवं उनके राष्ट्र के प्रति योगदान से परिचित करवाना एवं जन्म से लेकर मृत्यु तक आवश्यक शासकीय दस्तावेजों के बनाने की प्रक्रिया को समझाना तथा कम से कम दो दस्तावेजों को ग्रामीणों के लिये शतप्रतिशत बनावाना। |
10 | अप्रैल | 1 | जल संरक्षण के महत्व एवं गांव मे स्थिति जलाशयों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्य करना। |